The Bus Driver and The Big Man | बस ड्राइवर और बिग जॉन

एक दिन, एक बस ड्राइवर बस डिपो गया, अपनी बस चालू की, और अपने रूट पर निकल पड़ा।

शुरुआती कुछ स्टॉप तक सब कुछ ठीक था- कुछ लोग बस में चढ़े, कुछ उतरे, और सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा था।

लेकिन अगले स्टॉप पर, एक बड़ा और ताकतवर आदमी बस में चढ़ा।

छः फुट लंबा, पहलवान जैसी कद-काठी, और ऐसे हाथ जैसे जमीन तक लटक रहे हों।

उसने ड्राइवर की तरफ घूरते हुए कहा, “बिग जॉन को टिकट की जरूरत नहीं!” और बस के पीछे जाकर बैठ गया।

क्या मैंने बताया कि ड्राइवर पाँच फुट छह इंच का, दुबला-पतला और थोड़ा डरपोक सा था? हाँ, वही था!

स्वाभाविक रूप से, उसने बिग जॉन से बहस नहीं की, लेकिन वह इससे खुश नहीं था।

अगले दिन फिर वही हुआ – बिग जॉन आया, टिकट देने से मना किया और बैठ गया।

और ऐसा हर दिन होता रहा।

यह बात बस ड्राइवर को परेशान करने लगी, और उसने बिग जॉन की इस हरकत की वजह से सोना भी छोड़ दिया।

आखिरकार वह इसे और सहन नहीं कर सका।

उसने बॉडी बिल्डिंग कोर्स, कराटे, जूडो और ऐसे कई प्रशिक्षण में दाखिला लिया।

गर्मी खत्म होते-होते वह काफी ताकतवर हो गया; और सबसे बड़ी बात, उसे खुद पर भरोसा हो गया।

तो अगले सोमवार, जब बिग जॉन फिर बस में चढ़ा और कहा, “बिग जॉन टिकट नहीं लेता!”,

तो ड्राइवर खड़ा हो गया, उसकी तरफ घूरते हुए जोर से चिल्लाया, “और क्यों नहीं?”

बिग जॉन ने हैरानी से देखा और जवाब दिया, **”बिग जॉन के पास बस पास है।”**

निष्कर्ष: किसी समस्या को हल करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वास्तव में वह समस्या है भी या नहीं।

अक्सर हम समस्याओं को ज्यादा बड़ा समझ लेते हैं और उन्हें हल करने के लिए बहुत ज्यादा समय, पैसा, मेहनत, ऊर्जा और ध्यान खर्च कर देते हैं, जबकि असल में समस्याएं उतनी बड़ी नहीं होतीं।

हमारी जिंदगी की ज्यादातर समस्याएं इस कहानी जैसी ही होती हैं।

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