एक दिन वह एक गाँव से गुजर रहे थे। अपने कंधे पर वह हमेशा एक बड़ा थैला रखते थे, जिसमें बच्चों के लिए बहुत सारे खिलौने, चॉकलेट और मिठाइयाँ होती थीं।
किसी ने उनसे पूछा, ” होतेई, हम ने सुना है कि आप बस एक भूमिका निभा रहे हैं, अभिनय कर रहे हैं। हम ने सुना है कि आप एक ज़ेन मास्टर हैं, तो फिर आप बच्चों को खिलौने क्यों देते रहते हैं? और अगर आप सच में ज़ेन मास्टर हैं तो हमें ज़ेन दिखाइए।” ज़ेन का मतलब है धर्म की असली भावना।
होतेई ने अपना थैला गिरा दिया, तुरंत ही वह थैला गिरा दिया। लोग समझ नहीं पाए, तो उन्होंने पूछा, “आपका क्या मतलब है?”
उन्होंने कहा, “यही है सब। अगर तुम बोझ गिरा दो, तो यही है सब।”
उन्होंने पूछा, “ठीक है, फिर अगला कदम क्या है?”
तो उन्होंने फिर अपना थैला कंधे पर रखा और चलने लगे।
“यही अगला कदम है। लेकिन अब मैं इसे नहीं ढो रहा हूँ। अब मुझे पता है कि यह बोझ मुझसे नहीं है। अब यह पूरा बोझ सिर्फ बच्चों के खिलौने बन गए हैं और वे इसका आनंद लेंगे।”