The 7 Wonders of Life | जीवन के 7 अजूबे

एना 9 साल की एक छोटी सी गाँव की लड़की थी। उसने अपने गाँव में चौथी कक्षा तक प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई की थी। पाँचवीं कक्षा से आगे उसे पास के शहर के एक स्कूल में प्रवेश लेना था। जब उसे पता चला कि उसे एक प्रसिद्ध स्कूल में दाखिला मिल गया है, तो वह बहुत खुश हुई। आज उसके स्कूल का पहला दिन था, और वह अपने स्कूल बस का इंतजार कर रही थी। जैसे ही बस आई, वह खुशी-खुशी उसमें चढ़ गई। 

जब बस स्कूल पहुँची, तो सभी छात्र अपनी-अपनी कक्षाओं में जाने लगे। एना भी अपने सहपाठियों से रास्ता पूछते हुए अपनी कक्षा तक पहुँच गई। लेकिन उसकी सादगी भरे कपड़ों और यह जानकर कि वह एक छोटे से गाँव से आई है, अन्य छात्र उसका मज़ाक उड़ाने लगे। तभी अध्यापिका कक्षा में आईं और सभी को चुप रहने को कहा। उन्होंने एना का परिचय करवाया और बताया कि वह अब से उनकी कक्षा में पढ़ेगी। 

इसके बाद अध्यापिका ने सभी छात्रों को एक सरप्राइज टेस्ट के लिए तैयार रहने को कहा! उन्होंने सभी से विश्व के 7 अजूबे लिखने को कहा। सभी छात्रों ने जल्दी-जल्दी उत्तर लिखना शुरू कर दिया। एना ने धीरे-धीरे लिखना शुरू किया। 

जब सभी ने अपने उत्तर पत्र दे दिए, सिवाय एना के, तो अध्यापिका ने उससे पूछा, “क्या हुआ, बेटा? घबराओ मत, जो तुम्हें पता है वही लिखो। बाकी छात्रों ने इसे कुछ दिन पहले ही सीखा था।” 

एना ने उत्तर दिया, “मैं सोच रही थी कि इतनी सारी चीज़ें हैं, इनमें से कौन सी 7 मैं लिखूँ!” और फिर उसने अपना उत्तर पत्र अध्यापिका को दे दिया। अध्यापिका ने सभी के उत्तर पढ़ने शुरू किए। अधिकतर छात्रों ने सही उत्तर लिखे थे जैसे – चीन की दीवार, कोलोसियम, स्टोनहेज, गीज़ा का पिरामिड, पीसा की झुकी मीनार, ताजमहल, बेबीलोन के झूलते बाग़ आदि। 

अध्यापिका खुश हुईं कि छात्रों ने जो पढ़ा था वह याद रखा। आखिर में उन्होंने एना का उत्तर पत्र उठाया और पढ़ना शुरू किया। “7 अजूबे हैं – देख पाना, सुन पाना, महसूस कर पाना, हँसना, सोच पाना, दयालु होना, और प्रेम करना!” 

अध्यापिका स्तब्ध रह गईं और पूरी कक्षा में सन्नाटा छा गया। आज एक छोटे से गाँव की लड़की ने उन्हें उन अनमोल उपहारों की याद दिलाई जो वास्तव में ईश्वर ने हमें दिए हैं और जो असली में एक अजूबा हैं। 

मूल्य दीजिए जो आपके पास है, उपयोग कीजिए जो आपके पास है, और भरोसा कीजिए जो आपके पास है। प्रेरणा पाने के लिए हमेशा दूर देखने की ज़रूरत नहीं होती। ईश्वर ने आपको अपने लक्ष्यों तक पहुँचने की पूरी ताकत दी है।

 

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